हरियाणा CET 2025: ‘33 दिन का मामला बना HSSC के गले की फांस…’, हाई कोर्ट में CET एग्जॉम को चुनौती, कोर्ट ने HSSC को जारी किया नोटिस

Join WhatsApp
Join Now
Join Telegram
Join Now

Haryana CET 2025: Haryana CET 2025 आयु सीमा के नियमों को उच्च न्यायालय में चुनौति दी गई है। यह पूरा मामला 33 दिन का है। कोर्ट ने हरियाणा सरकार और HSSC से जवाब मांगा है।

उच्च न्यायालय में Haryana CET परीक्षा के अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को संयुक्त पात्रता परीक्षा यानी HSSC CET के चुनौती को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांग लिया है। इस मामले में सरकार के साथ हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) को नोटिस जारी किया गया है। सरकारी नौकरी और भर्ती परीक्षा के इस मामले में उच्च न्यायालय का फैसला बेहद Important होने वाला है।

CET Haryana 2025: क्या है मामला?

कैथल निवासी एक नाबालिग उम्मीदवार प्रभजीत सिंह की ओर से यह नामांकन दाखिल किया गया है। इसने दरख़ास्त में दावा किया है कि उन्हें केवल इस परीक्षा में बैठने की उम्र से 33 दिन कम होने पर परीक्षा में नहीं बैठाया गया। जबकि उसके पास अन्य सभी आवश्यक योग्यताएं पूरी हैं। प्रभजीत ने दरख़ास्त में कहा है कि उन्होंने 2023 में दसवीं और 2025 में बारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है। जिससे वह सीईटी परीक्षा के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता (10+2) पूरी करते हैं।

दरख़ास्तकर्ता  की ओर से कहा गया कि हरियाणा सिविल सेवा नियम 2016 (संशोधित 2023) के अनुसार किसी भी सरकारी सेवा में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 18 वर्ष और अधिकतम 42 वर्ष रखी गई है। CET केवल एक पात्रता परीक्षा है और चयन की प्रक्रिया (मुख्य परीक्षा एवं नियुक्ति) जुलाई 2025 के बाद ही संभावित है। इसलिए याचिकाकर्ता को आवेदन की अनुमति दी जानी चाहिए। क्योंकि वह नियुक्ति से पहले 18 वर्ष का हो जाएगा।

HSSC CET 2025 Age Limit: CET Haryana 2025 में उम्र सीमा क्या है?

हरियाणा सरकार की ओर से 31 दिसंबर 2024 को जारी HSSC CET गाइडलाइन और 26 मई 2025 को जारी भर्ती विज्ञापन के तहत यह शर्त रखी गई है कि जिस आवेदक की उम्र निर्धारित न्यूनतम सीमा 18 वर्ष से कम है, वह आवेदन करने के लिए अयोग्य माना जाएगा।

दरखास्तकर्ता के वकील ने बताया कि प्रभजीत की आयु आवेदन की अंतिम तिथि 12 जून 2025 को 17 वर्ष 10 महीने 20 दिन थी। यानी वह केवल 33 दिन छोटा है। ऐसे में उसे केवल आयु की तकनीकी कमी के आधार पर परीक्षा में बैठने से रोकना का अधिकार नहीं है। दरखास्त पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने हरियाणा सरकार व कर्मचारी चयन आयोग को 9 जून के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।